मेरे शहर
की वो कुछ तंग गलियां,
जिन
गलियों से बहती थी ठंडी बयार.
चौराहे
में जाकर मिलती थी वो गली,
जहाँ
मिला था मेरा इश्क मुझे पहली बार.
मेरी
साँसे थमी थीं उसकी पलकें झुकी थीं,
न मैंने
कुछ कहाँ था न वो कुछ कह सकी थी.
क्या
कहूं बेचैन दिल कि क्या हालत हुयी थी,
जब मिला
था मेरा इश्क मुझे पहली बार.
Very Nice !!!
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